संवाददाता भीलवाड़ा। पंचायत राज चुनाव 2020 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सहाड़ा हेतु पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी और भाजपा नेता नांदशा जागीर निवासी गोपाल लाल दाधीच को संयोजक नियुक्त किया है। भाजपा जिला प्रवक्ता कैलाश सोनी ने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायत समितियों और जिला परिषद में जीत हासिल करने के लिए संयोजक और प्रभारी नियुक्त किये गए हैं। दाधीच की सांगठनिक क्षमता और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। गौरतलब है कि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दाधीच सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कद्दावर ब्राह्मण नेता माने जाते हैं। सांसद सुभाष चंद्र बहेड़िया के बेहद करीबी लोगों में माने जाते हैं। विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रवादी संगठनों से जुड़े होने के साथ साथ जमीन से जुड़े होने से कार्यकर्ताओं में पकड़ और पहुँच भी बहुत अच्छी है। संयोजक बनाये जाने पर दाधीच ने कहा कि पार्टी ने उन पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। कार्यकर्ताओं को दुगुने जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरने का आह्वान किया। सहाड़ा प्रभारी शंकर लाल जाट को जबकि विधानसभा प्रभारी नन्द लाल गुर्जर को मनोनीत किया गया।
गांधी चौक स्थित नेहरू पार्क में महर्षि दधीचि व भगवान शिव की मूर्ति लगवाने की मांग को लेकर दाधीच समिति सुजानगढ़ ने मंगलवार को नगरपरिषद आयुक्त को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि पहले पार्क दयनीय और अव्यवस्थित स्थिति में था। पार्क में सुधार करने व जीर्णोद्धार करने व मूर्ति स्थापित करने के लिए समिति प्रतिनिधि संपत कुमार शर्मा ने नगरपरिषद में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।
इसके आधार पर नगरपरिषद ने 6 सितंबर 2016 को अनुमति दी थी। अनुमति के बाद नगर समाज की साधारण सभा की बैठक में तय किया गया था कि उपरोक्त गार्डन में महर्षि दधीचि व भगवान शिव की मूर्ति लगाई जाएगी।
इस उद्देश्य से दाधीच समाज ने गार्डन में करीब 15 लाख से ज्यादा रुपए लगाकर इसका जीर्णोद्धार किया। पार्क में मिटटी डलवाकर 8 फीट तक भर्ती करवाई तथा दरवाजा व चारदीवारी का निर्माण समिति सुजानगढ़ ने करवाया। उक्त पार्क में दूब, पेड़, पौधे, गमले तथा रैलिंग लगाकर सौंदर्यीकरण किया। साथ ही फाउंटेन फव्वारा लगाया व लोगों की प्यास बुझाने के लिए निर्मित प्याऊ का जीर्णोद्धार करवाकर वाटर कूलर लगाया। इसके अलावा बेजुबान पशुओं के लिए पानी की खेल व पार्क में बैठने के लिए सीमेंटेड कुर्सियां लगाई।
हाल ही में 27 सितंबर की शाम मूर्ति लगवाने का काम चल रहा था, लेकिन नगरपरिषद की स्वीकृति के बाद भी मूर्ति लगवाने के लिए रोका गया, जो गलत है। अभी भी गार्डन में निर्माण कार्य चल रहा है। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष सोमदत्त आसोपा, मयंक, मनीष दाधीच, गोपाल शर्मा, रामनिवास शर्मा, सांवरमल, पूनमचंद, दीनदयाल, मुकेश शर्मा सहित अनेक समाज के लोग शामिल थे।
सुभाषचंद्र बोस पार्क को 15 दिन में देंगे नया लुक, आयुक्त ने मौका मुआयना किया
सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन के सामने स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस पार्क के अब जल्द ही दिन फिरेंगे। कई अव्यवस्थाओं व उजाड़ की तरह हो रहे पार्क में नगरपरिषद रुपए खर्च करेगी। नगरपरिषद आयुक्त सोहनलाल नायक ने बताया कि 15 दिन के भीतर पार्क को नया लुक दिया जाएगा। तकनीकी अधिकारियों से चर्चा व प्लानिंग के बाद पार्क में कई काम करवाए जाएंगे। यहां लोक संस्कृति से जुड़े चित्र लगाने व मुख्य गेट में नया लुक देने के लिए कोई कलात्मक चीज लगाई जाएंगी। पार्क में सौंदर्यीकरण करवाने सहित कई मांगों को लेकर युवाओं ने आयुक्त को पार्क का मौका निरीक्षण करवाया।
इनके साथ एपीपी डॉ.करणीदान चारण व नगरपरिषद के जेईएन भी थे। चर्चा के बाद पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए आयुक्त ने आश्वासन दिया। आयुक्त ने कहा कि जल्द ही पार्क का पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर इसे नया रूप दिया जाएगा। फिलहाल फव्वारे की मरम्मत व पानी चलने सहित अनेक काम करवाने तय किए गए हैं। आयुक्त व एपीपी ने पार्क में युवाओं के साथ पौधे लगाए।
युवा कार्यकर्ता कमल बागड़ी, श्रीराम सेवा संस्थान के गिरधारी प्रजापत, भरत प्रजापत, संदीप प्रजापत, हीरालाल बुगालिया, श्याम चगाला, लक्ष्मणदान कविया, मदन बटेसर, मांडेता पर्यावरण संरक्षण समिति अध्यक्ष पीथाराम ज्याणी ने पार्क से जुड़ी कई कमियां बताते हुए आयुक्त से मांग की। इस दौरान राजकुमार गोदारा, मदन सिंह, राजकुमार इंदौरिया, मोहनलाल मंडा व कन्हैयालाल तंवर सहित जेईएन विक्रम जोरवाल व सफाई निरीक्षक मन्नालाल मीणा उपस्थित थे।
संवाददाता भीलवाड़ा। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुर में कार्यरत भूगोल व्याख्याता योगेश दाधीच को श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम और विद्यालय की अन्य गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता के लिए राज्य सरकार द्वारा शिक्षक सम्मान प्रदान किया जाएगा पुर संघर्ष समिति के योगेश सोनी ने बताया कि दाधीच को यह सम्मान 15 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर ऑनलाइन समारोह में दिया जाएगा प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले विद्यालय की सभी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लेने के साथ ही कोरोना जैसी महामारी में अपनी ड्यूटी पूर्ण निष्ठा से करने वाले दाधीच को शिक्षक सम्मान मिलने से पुर में खुशी की लहर है और सभी बधाई दे रहे हैं गौरतलब है कि योगेश रिकॉर्ड 14 विषय में अधिस्नातक की डिग्रियाँ प्राप्त कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की बराबरी करने की दहलीज़ पर खड़े हैं।
राकेश विश्वकर्मा. मीरा भायंदर. महर्षि दधीच वेद शास्त्रों के ज्ञाता परोपकारी और बहुत दयालु थे और उनके जीवन में अहंकार जैसे शब्दों की कोई जगह नहीं थी। दूसरों का हित चाहने वाले महर्षि दधीच से पशु पक्षी तक संतुष्ट थे। इनसे बड़ा दानी कोई दूसरा नहीं हुआ, महर्षि ने अपनी अस्थियां तक असुरों के नाश के लिए दान में दे दी थी, इन्ही को अपना आराध्य मानने वाला दाधीच समाज मीरा भायंदर में आज समाजसेवा की अलख जगा रहा है।
दाधीच सेवा समिति ट्रस्ट भायंदर मीरा भायंदर में रहने वाले दाधीच समाज को एक मंच प्रदान करने का काम बखूबी करता आ रहा है। एक आंकड़े के अनुसार तकरीबन पांच सौ परिवार रहते है, जो समाजसेवा के साथ शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। समिति के संस्थापक सदस्यों के अनुसार 1997 से पहले मीरा भायंदर में रहने वाले समाजबंधु महर्षि दधीच जयंती में शामिल होने के लिए मुंबई जाते थे जिसके चलते उनका पूरा दिन इस कार्यक्रम के लिए चला जाता था मीरा भायंदर में समाज की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए समाज ने निर्णय लिया की उनके अपने शहर में महर्षि दधीच जयंती मनानी चाहिए और पहली बार भायंदर पश्चिम के एक सभागृह में समाज के लोग एकत्रित हुए और जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। समाज के जरूरतमंद छात्र छात्राओं की शिक्षा में मदद करता है।
साथ ही समाज के जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता मुहैया कराता हैै। ट्रस्ट वर्ष में दो बड़े आयोजन करता है जिसमें महर्षि दधीच की जयंती और श्री दधिमथी प्रगट दिवस मुख्य है। श्री दधिमथी प्रगट महोत्सव में समाज की महिलाएं बढ-़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान में कलश यात्रा में शामिल होती है और भजन कीर्तन करती है। माता की ज्योत और भजन का कार्यक्रम प्रति माह शुक्ल पक्ष के आसपास आनेवाले रविवार को किया जाता है। ट्रस्ट की वर्तमान कमिटी में बनवारी दाधीच ,दामोदर दाधीच ,दिनेश दाधीच ,नरेश दाधीच ,सुरेश दाधीच ,रेखराज दाधीच संगीता दाधीच और अंजू दाधीच सहित अन्य का समावेश है।
ट्रस्ट के कर्णधार
ट्रस्ट के कर्णधारों में मदनलाल पलोड ,बाबूलाल काकड़ा बालूराम पलोड ,भवरलाल इटोदीया ,श्याम दाधीच गोवर्धन दाधीच ,रेखराज दायमा ,भवानी दाधीच ,नंदकिशोर शर्मा ,कमल दाधीच ,गोवर्धन दाधीच,घनश्याम दाधीच ,जयंतीलाल दाधीच ,शिवरतन दायमा ,तेजमल दाधीच ,रामगोपाल दाधीच ,कमलेश मिश्रा, श्यामसुंदर दाधीच और जगदीश पांडे है।
25वां गोपीकृष्ण महोत्सव मुंबई में किया गया। श्री कृष्ण कल्चरल अकादमी के इस समारोह में शहर की वरिष्ठ कलाकार डॉ. विभा दाधीच को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया। 50 वर्षों तक कला में योगदान देने के लिए उन्हेें अवार्ड दिया गया।
गुरु-शिष्य परंपरा के तहत उन्होंने नृत्य की तालीम फिरतू महाराज, शंभु महाराज और डॉ. पुरू दाधीच से हासिल की। उन्होंने कई रिसर्च पेपर लिखे, नृत्य की हस्तमुद्राओं पर गहन अध्ययन किया। इस समारोह में ख्यात संतूरवादक शिवकुमार शर्मा के पुत्र राहुल शर्मा ने वादन और ख्यात गायक सुरेश वाडकर ने गायन प्रस्तुत किया।
डॉ. विभा दाधीच को पुरस्कृत करते सम्मेलन के पदाधिकारी।
ब्रह्मा शिक्षा ब्रह्म की ओर से मंगलवार को पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच के जन्मदिन पर 11 हजार मास्क और 11 हजार रुपए की राशि कोरोना वॉरियर्स के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत पूर्व महापौर को भेंट किए गए। पूर्व महापौर दाधीच ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर शिक्षाविद शीला आसोपा, मनीष आचार्य, इंद्रजीत त्रिपाठी, अजय शर्मा, दिनेश, संजय आसोपा, मफतलाल तिवाडी और ब्रह्म शिक्षा के सदस्य मौजूद थे।
इंदौर (नईदुनिया रिपोर्टर)। Padmashree Award 10 बरस की उम्र से कथक साधना शुरू कर दी थी। उम्र के 81वें वर्ष में पद्मश्री पुरस्कारों की सूची में नाम देखकर लगता है कि 71 साल की साधना सफल हो गई। हालांकि कुछ शुभचिंतक मानते हैं कि मुझे ये पुरस्कार पहले ही मिल जाना था लेकिन मेरा मानना है कि सरकारी कामकाज तय प्रक्रिया के हिसाब से होते हैं ऐसे में कब, किसे, किस आधार पर पद्म पुरस्कार से नवाजा जाएगा इसका फैसला बहुत गहन विचार-विमर्श के बाद होता है और यही सही है।
‘पहलवान का बेटा नचनिया”
ये कहना है देश के सुविख्यात कथक नृत्यगुरु डॉ. पुरूषोत्तम (अर्थात पुरु) दाधीच का। जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा शनिवार को की गई है। वो कहते हैं कि पिता पहलवान थे और मैं कथक डांसर। इसलिए कई बार लोग कहते थे कि ‘पहलवान का बेटा नचनिया”। जिसे सुनकर मुझसे कहीं ज्यादा दुख शायद पिताजी को होता होगा। लेकिन पद्मश्री की घोषणा के बाद उनकी आत्मा को भी शांति मिलेगी। उन्हें फख्र हो रहा होगा कि बेटे ने उनका नाम रोशन किया है।
करना पड़ा कड़े विरोध का सामना
जब मैंने नृत्य सीखना शुरू किया उस वक्त बहुत ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ा। क्योंकि तब खासतौर पर पुरुषों के लिए नाचना-गाना खराब समझा जाता था। परंपराओं का कड़ाई से पालन करने वाले पिताजी ने साफ-साफ कह दिया था कि अगर तू नाचना-गाना करेगा तो पांव तोड़ दूंगा। ऐसे में ‘नचनिया” से ‘नृत्यगुरु” बनने का सात दशक लंबा सफर आसान नहीं था। जब मैंने पं. दुर्गाप्रसादजी से कथक सीखना उस वक्त शुरू किया जब मालवा में शास्त्रीय नृत्य की जड़ें नहीं जमी थी। उस समय हमें लोगों को ये समझाना होता था कि जैसे पक्का (शास्त्रीय) गाना होता है वैसे ही पक्का नृत्य भी होता है।
अप्रचलित रागों और तालों का ज्ञान जरूरी
पद्मश्री के पहले डॉ. दाधीच को पिछले ही साल ‘संगीत नाटक अकादमी” द्वारा अकादमी अवार्ड से भी अलंकृत किया जा चुका है। वो कहते हैं कि हमारे पूर्ववर्ती नृत्य-गुरुओं ने संगीत के कुछ कठिन रागों और तालों को साइड में रख दिया कि और वो चलन से बाहर हो गए। मैंने उनका रसास्वादन किया है, इसलिए उन प्रचलित रागों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के काम पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहा हूं। जैसे छंदों के बिना कविता अधूरी है वैसे ही अप्रचलित तालों के बिना संगीत ही अधूरा है।
जोधपुर. विद्याश्रम इंटरनेशनल स्कूल, जोधपुर की दसवीं कक्षा की छात्रा हर्षिता दाधीच ने 98.4 प्रतिशत अंक हासिल कर परिवार व विद्यालय का नाम रोशन किया है।बुधवार को सीबीएसई 10वीं का परिणाम घोषित किया गया। गत वर्ष पिता अलंकार दाधीच को खोने का सदमा झेल चुकी हर्षिता ने पिता के सपने को अपनी मेहनत से जोड़कर उनका सपना सच करने के लिए कड़ी मेहनत की । हर्षिता की माता भावना दाधीच ने बताया कि हर्षिता ने पूरे साल नियमित रूप से 7 से 8 घंटे पढ़ाई की। उसे डॉक्टर बनाने के अपने पिता के सपने को सच करने के लिए हर्षिता अब लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात जुटी है। स्वभाव से सरल और गंभीर स्वभाव वाली हर्षिता अपनी सफलता का श्रेय पिता के सपने, माता की मेहनत व सहयोग तथा गुरुजनों की प्रेरणा के साथ अपने नानाजी पंडित ओम दत्त शंकर और विद्यालय की को प्राचार्य डॉ भारती स्वामी के स्नेहिल आशीर्वाद और मार्गदर्शन को देती है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की नई कार्यकारिणी में झुंझुनूं का कद थाेड़ा बढ़ गया है। मुकेश दाधीच काे प्रदेश मंत्री की जगह प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। बगड़ निवासी मुकेश दाधीच अशाेक परनामी के समय से प्रदेश मंत्री बने थे। मदनलाल सैनी के समय भी दाधीच प्रदेश मंत्री थे।
सतीश पूनिया काे नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाने के बाद काफी समय से नई कार्यकारिणी का इंतजार हाे रहा था। काेराेना की वजह से नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हाे पाया था। अब पूनिया ने अपनी कार्यकारिणी का गठन किया है। हालांकि कार्यकारिणी में झुंझुनूं जिले से महज दाधीच काे ही पदाधिकारी है। वे लंबे समय से प्रदेश कार्यकारिणी में न केवल अपना स्थान बरकरार रख पाए हैं, बल्कि पकड़ काे मजबूत किया है।