डीडवाना की नगरपालिका से देश की संसद तक का सफर तय करने वाले डीडवाना निवासी हरिशंकर भाभङा राजस्थान के उपमुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, राज्यसभा सांसद एवं विधायक रहे हरिशंकर भाभङा का जन्म डीडवाना के खिङकी दरवाजा क्षेत्र में 6 अगस्त 1928 को श्री मन्नालाल भाभङा के घर हुआ | आपकी माता का नाम मोहनी देवी था भाभङा की प्रारंभिक शिक्षा नागपुर में हुई |
भाभङा ने नागपुर के विधि महाविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की | हरिशंकर भाभङा ने 1942 के भारत छोङो आंदोलन में भाग लिया| आप 1948 में डीडवाना नमक व्यवसायी संघ के सचिव भी रहे| भाभङा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहें | 1948 में संघ से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर हुए सत्याग्रह में आठ माह जेल में बिताए |
सक्रिय राजनीति में भाभङा
वर्ष 1952 से 2008 तक जनसंघ एवं भाजपा के शीर्ष नेताओं में गिने जाने वाले हरिशंकर भाभङा भारतीय जनसंघ की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष व कोषाध्यक्ष भी रहे |
डीडवाना पालिका उपाध्यक्ष भाभङा
पेशे से वकील रहे हरिशंकर भाभङा डीडवाना में अपनी वकालत भी करते रहे. भाभङा पहली बार वर्ष 1957 में डीडवाना नगरपालिका के उपाध्यक्ष बने वे 1959 तक इस पद पर बने रहे, वर्ष 1963 में डीडवाना पूरे राजस्थान में एक मात्र ऐसी नगरपालिका थी जिसमें गैर कांग्रेसी सदस्यों का बहुमत था, हरिशंकर भाभङा इस बोर्ड के सदस्य चुने जाकर डीडवाना नगर पालिका के दूसरी बार उपाध्यक्ष बने। वर्ष 1971 में वे पुन: डीडवाना नगरपालिका के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए |
आपातकाल के दौरान 12 जूलाई 1975 से 26 जनवरी 1977 तक भाभङा 18 माह तक जेल में रहे | वर्ष 1978 में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य चुने गए, वे 1984 तक राज्यसभा सदस्य रहे|
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हरिशंकर भाभङा
वर्ष 1981 में जगदीश प्रसाद माथुर के बाद हरिशंकर भाभङा भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई के दूसरे अध्यक्ष बनाएं गये, वे इस पद पर वर्ष 1986 तक बने रहें | हरिशंकर भाभङा राजस्थान भाजपा के आज तक के इतिहास में रामदास अग्रवाल (1990 से 1997 तक, 6 वर्ष) के बाद भाजपा के दूसरे ऐसे नेता है जो लंबे समय 5 वर्ष तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहें | भाभङा दाधीच समाज से जनसंघ व भाजपा में अध्यक्ष पद पर पहुँचने वाले दूसरे व्यक्ति है, इनसे पहले दाधीच समाज के ही पं. बच्छराज व्यास वर्ष 1965 में जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. संयोग यह भी है कि पं. बच्छराज व्यास भी डीडवाना के मूल निवासी थे
विधानसभाध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री
वर्ष 1985 में भाभङा ने चूरू जिले की रतनगढ़ सीट से भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव लङा और जीत कर विधानसभा में पहुंचे | इस के बाद 1990 व 1993 में लगातार इसी सीट से जीत कर विधानसभा में पहूंचे 16 मार्च 1990 में आप राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए और 1993 तक इस पद पर बने रहे | इस के बाद दसवीं विधानसभा के लिए दिनांक 30 दिसंबर 1993 को पुनः विधानसभा अध्यक्ष चुने गये. मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के विदेश दौरे पर रहने के कारण अटल बिहारी वाजपेयी व आडवाणी के कहने पर हरिशंकर भाभङा ने 4 दिसंबर 1993 को राजस्थान के दूसरेउपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली |
वे राजस्थान भाजपा के एकमात्र नेता है जो इस पद पर रहे | भाभङा 30 नवंबर 1998 तक इस पद पर बने रहे | रतनगढ़ विधानसभा से 1998 में चौथी बार चुनाव लङा परन्तु इस बार कांग्रेस के पं॰ जयदेव प्रसाद इन्दोरिया से चुनाव हार गये | रतनगढ़ से ही अंतिम बार 2003 का विधानसभा सभा का चुनाव लङा और निर्दलीय राजकुमार रिणवां से हार गये परन्तु राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने उन्हें आर्थिक नीति एवं सुधार परिषद के उपाध्यक्ष बना केबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा दिया . भाभङा का रतनगढ़ विधानसभा से सर्वाधिक समय (13 वर्ष) तक विधायक रहने का रिकॉर्ड है|
हरिशंकर भाभङा के सभी नेताओं के साथ मधुर संबंध रहे है, वर्तमान राज्यपाल कालराज मिश्र भाभङा के मित्र है पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी भी जनसंघ के दिनों से हरिशंकर भाभङा के सम्पर्क में रहे है , वर्तमान केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल वर्ष 1994 में भाभङा के ओएसडी रहे थे.
2008 के बाद हरिशंकर भाभङा ने अपने आप को सक्रिय राजनीति से अलग कर लिया | भाभङा वर्तमान में डीडवाना दाधीच समाज, सनातन धर्म सभा डीडवाना के अध्यक्ष भी है|
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