राकेश विश्वकर्मा. मीरा भायंदर. महर्षि दधीच वेद शास्त्रों के ज्ञाता परोपकारी और बहुत दयालु थे और उनके जीवन में अहंकार जैसे शब्दों की कोई जगह नहीं थी। दूसरों का हित चाहने वाले महर्षि दधीच से पशु पक्षी तक संतुष्ट थे। इनसे बड़ा दानी कोई दूसरा नहीं हुआ, महर्षि ने अपनी अस्थियां तक असुरों के नाश के लिए दान में दे दी थी, इन्ही को अपना आराध्य मानने वाला दाधीच समाज मीरा भायंदर में आज समाजसेवा की अलख जगा रहा है।
दाधीच सेवा समिति ट्रस्ट भायंदर मीरा भायंदर में रहने वाले दाधीच समाज को एक मंच प्रदान करने का काम बखूबी करता आ रहा है। एक आंकड़े के अनुसार तकरीबन पांच सौ परिवार रहते है, जो समाजसेवा के साथ शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। समिति के संस्थापक सदस्यों के अनुसार 1997 से पहले मीरा भायंदर में रहने वाले समाजबंधु महर्षि दधीच जयंती में शामिल होने के लिए मुंबई जाते थे जिसके चलते उनका पूरा दिन इस कार्यक्रम के लिए चला जाता था मीरा भायंदर में समाज की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए समाज ने निर्णय लिया की उनके अपने शहर में महर्षि दधीच जयंती मनानी चाहिए और पहली बार भायंदर पश्चिम के एक सभागृह में समाज के लोग एकत्रित हुए और जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। समाज के जरूरतमंद छात्र छात्राओं की शिक्षा में मदद करता है।
साथ ही समाज के जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता मुहैया कराता हैै। ट्रस्ट वर्ष में दो बड़े आयोजन करता है जिसमें महर्षि दधीच की जयंती और श्री दधिमथी प्रगट दिवस मुख्य है। श्री दधिमथी प्रगट महोत्सव में समाज की महिलाएं बढ-़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान में कलश यात्रा में शामिल होती है और भजन कीर्तन करती है। माता की ज्योत और भजन का कार्यक्रम प्रति माह शुक्ल पक्ष के आसपास आनेवाले रविवार को किया जाता है। ट्रस्ट की वर्तमान कमिटी में बनवारी दाधीच ,दामोदर दाधीच ,दिनेश दाधीच ,नरेश दाधीच ,सुरेश दाधीच ,रेखराज दाधीच संगीता दाधीच और अंजू दाधीच सहित अन्य का समावेश है।
ट्रस्ट के कर्णधार
ट्रस्ट के कर्णधारों में मदनलाल पलोड ,बाबूलाल काकड़ा बालूराम पलोड ,भवरलाल इटोदीया ,श्याम दाधीच गोवर्धन दाधीच ,रेखराज दायमा ,भवानी दाधीच ,नंदकिशोर शर्मा ,कमल दाधीच ,गोवर्धन दाधीच,घनश्याम दाधीच ,जयंतीलाल दाधीच ,शिवरतन दायमा ,तेजमल दाधीच ,रामगोपाल दाधीच ,कमलेश मिश्रा, श्यामसुंदर दाधीच और जगदीश पांडे है।